424 वर्ष पुराना तेतरी गांव का शक्तिपीठ दुर्गा मंदिर: आस्था, इतिहास और चमत्कार की कहानी । Tetri Durga Mandir

Tetri Durga Mandir : तेतरी गांव स्थित शक्तिपीठ देवी दुर्गा मंदिर का इतिहास 424 वर्ष पुराना है और यह मंदिर 1600 ई. में स्थापित किया गया था। गांव के लोगों की मान्यता के अनुसार, उन्हें एक स्वप्न आया था जिसमें बताया गया कि कलबलिया धार में एक मेढ़ बहकर आया है, जिसपर दुर्गा माँ की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जानी चाहिए। जब ग्रामीणों ने जाकर देखा तो वहां वास्तव में एक मेढ़ पड़ा था, जिसे वे अपने गांव लाने का प्रयास करने लगे। लेकिन जब वे थक गए और मेढ़ को मंदिर वाले स्थान पर रख दिया, तो काजीकौरेया गांव के लोग भी मेढ़ की तलाश में पहुंचे। हालांकि, जब उन्होंने मेढ़ उठाने की कोशिश की, तो वह हिला तक नहीं।

इसके बाद तेतरी के ग्रामीणों ने भी मेढ़ को दूसरी जगह ले जाने की कोशिश की, पर वे भी असफल रहे। फिर उन्होंने उसी स्थान पर देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की और मंदिर का निर्माण किया। आज यह एक भव्य मंदिर है, जहां देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना होती है, और नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से एक अन्य प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है। विजयादशमी के दिन उस प्रतिमा का विसर्जन कलबलिया धार में किया जाता है, जिसमें श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होती है।

इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां साल भर श्रद्धालुओं से भरा रहता है और दुर्गा पूजा के अवसर पर भव्य मेला आयोजित होता है, जो मंदिर की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को और बढ़ा देता है। 


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