डिजिटल अरेस्ट: सावधान रहें, साइबर धोखाधड़ी से बचें । Digital Arrest

आज के डिजिटल युग में जहां हर चीज़ तकनीक पर निर्भर हो गई है, वहीं साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं। हाल ही में, सोशल मीडिया और इंटरनेट पर "डिजिटल अरेस्ट" नामक एक नई धोखाधड़ी सामने आई है। यह मात्र एक छलावा है, जिसका मकसद लोगों को भ्रमित करके ठगना है।

क्या है "डिजिटल अरेस्ट"?


"डिजिटल अरेस्ट" एक फर्जी ऑनलाइन गतिविधि है, जिसमें लोग खुद को कानून प्रवर्तन या साइबर सुरक्षा अधिकारी बताकर आपको डराने और पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं। यह साइबर अपराधियों की एक रणनीति है, जिसमें वे दावा करते हैं कि आपकी डिजिटल गतिविधियां संदिग्ध हैं और आपको कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए तुरंत भुगतान करना होगा।

सचेत रहें, सतर्क रहें


साइबर अपराध विशेषज्ञों का कहना है कि जो दिखता है वह हमेशा सच नहीं होता। "डिजिटल अरेस्ट" जैसे फर्जी दावों का शिकार न बनें। यदि आपको कोई ऐसा संदेश या कॉल प्राप्त हो, जिसमें आपकी जानकारी मांगी जाए या पैसे देने का दबाव बनाया जाए, तो इसे अनदेखा करें और तुरंत इसकी शिकायत करें।

साइबर अपराध की शिकायत कैसे करें?

यदि आप साइबर अपराध का शिकार हो जाते हैं, तो आप निम्नलिखित माध्यमों से शिकायत दर्ज कर सकते हैं:

  1. Dial1930: यह साइबर हेल्पलाइन नंबर है, जहां आप सीधे शिकायत कर सकते हैं।
  2. नजदीकी साइबर थाना: अपने क्षेत्र के साइबर थाने में जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराएं।
  3. NCRP पोर्टल: cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।

सरकार का संदेश


सरकार और साइबर सुरक्षा विभाग का कहना है कि लोग जागरूक बनें और किसी भी अनधिकृत संदेश, ईमेल, या कॉल पर भरोसा न करें। आपकी सतर्कता ही आपकी सुरक्षा है।

"डिजिटल अरेस्ट" जैसे छलावे से बचने का एकमात्र तरीका है सतर्क रहना और जागरूकता फैलाना। यदि आपको कोई संदिग्ध गतिविधि नज़र आए, तो तुरंत इसकी सूचना दें। याद रखें, साइबर सुरक्षा एक सामूहिक जिम्मेदारी है। 

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