Noorie Jama Mosque : फतेहपुर में 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद पर संकट


उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद को गिराने के सरकारी आदेश के खिलाफ मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया है। मस्जिद, जो ललौली थाना क्षेत्र के कस्बे में स्थित है, बांदा-बहराइच हाईवे के चौड़ीकरण परियोजना के तहत अतिक्रमण के दायरे में आ रही है। इस परियोजना के कारण मस्जिद के कुछ हिस्से को ध्वस्त करने का आदेश दिया गया है।

सरकारी आदेश और विवाद


सड़क चौड़ीकरण के लिए मस्जिद का हिस्सा अतिक्रमण के अंतर्गत आने का दावा करते हुए लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इसे ध्वस्त करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने इस आदेश को धार्मिक अधिकारों और सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा के तहत चुनौती दी है।

हाईकोर्ट में याचिका और सुनवाई की स्थिति


मस्जिद की ओर से एडवोकेट सैयद अजीम उद्दीन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में धार्मिक और सामाजिक महत्व का हवाला देते हुए ध्वस्तीकरण के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है। इस मामले की सुनवाई 6 दिसंबर को होनी थी, लेकिन केस टेकअप नहीं हो सका। अब हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 13 दिसंबर तय की है।

समुदाय में तनाव और अपील


मस्जिद से जुड़े लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस मुद्दे का समाधान खोजने के लिए संवेदनशीलता से काम लेना चाहिए। कमेटी ने अपील की है कि विकास कार्यों के नाम पर धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाना उचित नहीं है और विकल्प तलाशे जाने चाहिए।

अधिकारियों का पक्ष


PWD अधिकारियों का कहना है कि हाईवे चौड़ीकरण परियोजना में बाधा बन रहे अतिक्रमण को हटाना अनिवार्य है। इस संदर्भ में मस्जिद का हिस्सा भी प्रभावित हो रहा है। प्रशासन का कहना है कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

अगली सुनवाई पर नजर


मस्जिद से जुड़े लोग और स्थानीय समुदाय अब हाईकोर्ट के 13 दिसंबर को होने वाले फैसले का इंतजार कर रहे हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि न्यायालय इस मामले में धार्मिक और विकास कार्यों के बीच संतुलन कैसे स्थापित करता है।


Post a Comment

Previous Post Next Post