वक्फ बोर्ड (Waqf Board) की मनमानियों और सत्ता तंत्र की खामोशी पर अब पर्दा हटता दिख रहा है। जिस वक्फ बोर्ड की कार्यशैली पर पहले समाज और सत्ता दोनों ही मौन थे, अब उसी वक्फ बोर्ड कानून में सुधार और संशोधन की मांग मुस्लिम समाज से ही जोर पकड़ने लगी है। मुस्लिम समाज के कई हिस्से इस कानून में पारदर्शिता और बदलाव की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं, ताकि वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग रोका जा सके और समाज के हित में काम हो सके।
कानून में सुधार की आवश्यकता
मुस्लिम समाज के मुखर होने का मुख्य कारण वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आने वाली संपत्तियों का सही प्रबंधन न होना और सत्ता तंत्र द्वारा इस पर कोई कड़ा कदम न उठाना है। वक्फ बोर्ड के कई मामलों में अनियमितताओं के आरोप सामने आते रहे हैं, लेकिन अब जागरूकता और पारदर्शिता की मांग को लेकर आवाजें उठने लगी हैं।
वक्फ संपत्तियों का सही ढंग से प्रबंधन और पारदर्शिता लाने के लिए समाज के भीतर से उठ रही ये मांगें, सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत हैं।
Post a Comment