आज, 17 सितंबर 2024 को, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना 74वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर देश और दुनिया भर से उन्हें शुभकामनाएं मिल रही हैं। एक चाय बेचने वाले साधारण परिवार से निकलकर, भारत के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक बनने की उनकी यात्रा प्रेरणादायक है। आइए जानते हैं उनके जीवन के प्रमुख पड़ावों के बारे में।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था। उनका परिवार आर्थिक रूप से साधारण था, और मोदी का शुरुआती जीवन संघर्षों से भरा रहा। उनके पिता एक चाय बेचने का काम करते थे, और नरेंद्र मोदी ने भी अपने बचपन में चाय बेची थी।
उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा वडनगर में की। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भले ही साधारण रही हो, लेकिन उन्होंने खुद को राष्ट्र सेवा और समाज सुधार की दिशा में समर्पित कर दिया। राजनीति में आने से पहले उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ काम किया, जो उनके विचारों और कार्यशैली को आकार देने में महत्वपूर्ण रहा।
शिक्षा की बात करें तो नरेंद्र मोदी ने 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक किया और बाद में 1983 में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर (M.A.) की डिग्री प्राप्त की। हालांकि उनकी औपचारिक शिक्षा सीमित रही, लेकिन उनके नेतृत्व और रणनीतिक कौशल ने उन्हें एक असाधारण नेता के रूप में उभारा।
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल
नरेंद्र मोदी की राजनीतिक यात्रा में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब उन्हें 2001 में गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया। 7 अक्टूबर 2001 को, उन्होंने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने राज्य की अर्थव्यवस्था को सुधारने और गुजरात को देश के सबसे विकसित राज्यों में से एक बनाने के लिए कई सुधार किए।
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास, बिजली और जल आपूर्ति में सुधार और उद्योगों के विकास पर जोर दिया गया। मोदी की अगुवाई में, गुजरात ने आर्थिक विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ, और "वाइब्रेंट गुजरात" जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश आया।
मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल तीन बार (2001 से 2014) तक चला, जिसमें उन्होंने गुजरात को न सिर्फ भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विकसित राज्य के रूप में स्थापित किया।
भारत के प्रधानमंत्री के रूप में
प्रधानमंत्री बनने से पहले, नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रमुख नेताओं में से एक के रूप में उभरे थे। 2013 में, भाजपा ने नरेंद्र मोदी को 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। उन्होंने अपने विकास और सुशासन पर आधारित नारे "सबका साथ, सबका विकास" के साथ चुनाव अभियान चलाया, जो जनता के बीच बेहद लोकप्रिय हुआ।
नरेंद्र मोदी ने 2014 के आम चुनावों में बीजेपी को ऐतिहासिक जीत दिलाई और 26 मई 2014 को भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। प्रधानमंत्री के रूप में उनका पहला कार्यकाल भारत की विदेश नीति, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, मेक इन इंडिया और अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए याद किया जाता है।
मोदी की लोकप्रियता और उनके कार्यों के आधार पर, उन्होंने 2019 के आम चुनावों में भी भाजपा को जीत दिलाई और दूसरी बार 30 मई 2019 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके दूसरे कार्यकाल में भी कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए, जैसे अनुच्छेद 370 का निरस्तीकरण, तीन तलाक का उन्मूलन और आयुष्मान भारत योजना का विस्तार।
प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल की उपलब्धियां
नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण नीतियों और योजनाओं की शुरुआत की, जिनका लक्ष्य गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करना और भारत को वैश्विक शक्ति बनाना था। इनमें से कुछ प्रमुख योजनाएं और उपलब्धियां हैं:
1. स्वच्छ भारत अभियान - देश को स्वच्छ और साफ बनाने का उद्देश्य।
2. जन धन योजना - वित्तीय समावेशन की दिशा में एक बड़ा कदम।
3. मेक इन इंडिया - भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने की योजना।
4. डिजिटल इंडिया - डिजिटल बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने और इंटरनेट के माध्यम से सेवाएं प्रदान करने की योजना।
5. आयुष्मान भारत - गरीबों को स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की योजना।
6. उज्ज्वला योजना - गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन देना।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवन यात्रा प्रेरणादायक है। उनका संघर्ष, समर्पण और नेतृत्व ने उन्हें न केवल भारत का सबसे लोकप्रिय नेता बनाया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी उनका सम्मान हुआ है। एक साधारण चाय बेचने वाले से लेकर देश के प्रधानमंत्री बनने तक की उनकी यात्रा इस बात का प्रतीक है कि कड़ी मेहनत, संकल्प और समर्पण से हर असंभव कार्य संभव हो सकता है।
आज, जब वे अपना जन्मदिन मना रहे हैं, पूरा देश उनके नेतृत्व को सलाम कर रहा है, और उनके उज्जवल भविष्य की कामना कर रहा है।
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