भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों, जैसे एयरटेल, जियो, और वोडाफोन-आइडिया (Vi), द्वारा लगातार बढ़ाए जा रहे रिचार्ज प्लान्स से देश की आम जनता, विशेषकर मिडल क्लास और गरीब वर्ग, परेशान है। महंगे रिचार्ज प्लान्स ने डिजिटल और संचार सुविधाओं को लोगों के लिए महंगा बना दिया है।
जनता ने इन बढ़ती कीमतों पर विरोध जताना शुरू कर दिया है, लेकिन उनकी आवाज को न तो सरकार सुन रही है और न ही टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) इस पर कोई कदम उठा रही है। इस चुप्पी से जनता की परेशानी और बढ़ रही है, खासकर तब जब मोबाइल और इंटरनेट जैसी सेवाएं आज के दौर में अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गई हैं।
मिडल क्लास और गरीब वर्ग की मुश्किलें
बढ़ती रिचार्ज दरों ने खासकर उन परिवारों को प्रभावित किया है जो पहले से ही आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं। कई लोगों के लिए मोबाइल रिचार्ज अब एक अतिरिक्त बोझ बन गया है। इससे बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा, छोटे व्यापारियों की डिजिटल लेन-देन और संचार सेवाओं का इस्तेमाल सीमित हो रहा है।
सरकार और TRAI की चुप्पी
देशभर में लोग इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जता रहे हैं, लेकिन सरकार और TRAI की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। आम जनता उम्मीद कर रही है कि सरकार इस पर हस्तक्षेप करेगी और रिचार्ज दरों को किफायती बनाने के लिए कोई नीति या रेगुलेशन लाएगी।
निष्कर्ष
टेलीकॉम सेवाओं की बढ़ती कीमतें देश के कई हिस्सों में बड़ी समस्या बन गई हैं। इन कंपनियों की मनमानी कीमतों से जनता को राहत देने के लिए सरकार और संबंधित एजेंसियों से ठोस कदम उठाने की मांग हो रही है।
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