दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। स्वाति मालीवाल, जो कि राज्यसभा सांसद हैं, ने केजरीवाल के इस आलीशान आवास पर बड़े खर्चों का खुलासा किया है, जिसे वह "शीशमहल" के रूप में संदर्भित कर रही हैं।
महंगे सामान और सुविधाओं पर उठे सवाल
स्वाति मालीवाल ने अपने बयान में कहा कि केजरीवाल के आवास में किए गए खर्चों की राशि चौंकाने वाली है। उन्होंने कुछ प्रमुख खर्चों को उजागर करते हुए बताया:
- 65 लाख रुपये की टीवी
- 9 लाख रुपये का फ्रिज
- 1 करोड़ रुपये की रेलिंग
- 12-12 लाख रुपये की टॉयलेट सीटें
- 4 लाख रुपये की मसाज वाली कुर्सी
- ₹5.6 करोड़ के रिमोट से चलने वाले पर्दे
- 70 लाख रुपये के ऑटोमैटिक दरवाजे
- 30 लाख रुपये की रिमोट कंट्रोल लाइटें
स्वाति मालीवाल ने इन भारी भरकम खर्चों पर कड़ा विरोध जताया और कहा, "जिस महापुरुष ने ये महल बनाया, उसी ने शीला दीक्षित जी के घर में लगे 10 एसी के लिए सवाल उठाया था—कौन भरता है इस सब का बिल? आज मैं और आप उस बिल का भुगतान कर रहे हैं।"
सामाजिक असमानता पर चिंता
स्वाति मालीवाल ने इस मुद्दे को सामाजिक असमानता से भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि "दिल्ली की 40% जनता झुग्गियों में रहती है, और इस स्थिति में कोई मुख्यमंत्री कैसे इतना आलीशान महल में रह सकता है?" यह बयान जनता के बीच असंतोष पैदा कर रहा है, क्योंकि इसे गरीब और अमीर के बीच की खाई को और गहरा करने वाला माना जा रहा है।
राजनीतिक निहितार्थ
इस खुलासे ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है। जहां एक तरफ आम आदमी पार्टी (AAP) को जनता के मुद्दों पर केंद्रित पार्टी के रूप में देखा जाता था, वहीं इस आलीशान खर्चे के बाद पार्टी की नीतियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। केजरीवाल के आवास पर हुए इन महंगे खर्चों का खुलासा उनके सादगी भरे जीवन के दावों से मेल नहीं खाता, जिससे उनकी छवि पर असर पड़ सकता है।
केजरीवाल की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस विवाद पर अभी तक अरविंद केजरीवाल की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि AAP इन आरोपों का कैसे सामना करती है और इस मुद्दे पर केजरीवाल की क्या प्रतिक्रिया होती है।
इस बीच, विपक्ष और जनता इस मुद्दे को लेकर सरकार से जवाब मांग रहे हैं, और यह मामला आने वाले दिनों में और भी गरम हो सकता है।
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